अलवर जिले में 20 चिकित्सा केंद्र जर्जर भवन में संचालित हो रहे हैं। सीएमएचओ कार्यालय भवन भी जर्जर है। करीब एक साल से डिप्टी सीएमएचओ व आरसीएचओ कार्यालय के नए भवन में अस्थायी रूप से सीएमएचओ कार्यालय का संचालन किया जा रहा है। जिले में 2 पीएचसी, 3 सीएचसी और 15 उप स्वास्थ्य केन्द्र (सब सेंटर) जर्जर भवन में संचालित हैं।
इसमें बहतुकलां व चांदोली पीएचसी एवं उमरैण, गोविंदगढ़ व लक्ष्मणगढ़ सीएचसी भवन के हालात खराब हैं। इसके अलावा खेरली सैय्यद, गोठड़ा, रतनगढ़, खेड़ी, नंगली बंजरीका, खोह, बगड़-तिराहा, रामपुरा, परवेणी, उकेर, भूड़ा, घाटला, झारखेड़ा, देसूला व भजीट सब सेंटर के भवन भी जर्जर हालत में हैं। कभी भी हादसा हो सकता है।
जिला अस्पताल परिसर में संचालित जीएनएमटीसी व एएनएमटीसी का भवन भी जर्जर अवस्था में हैं। यहां कमरों का प्लास्टर झड़ने के साथ ही छज्जे गिराऊ हालत में हैं। करीब एक साल पहले शिशु अस्पताल की गैलरी से प्लास्टर उखड़कर गिरा था। जिसे अभी तक सही नहीं किया जा सका है और वार्ड में मरमत कार्य हो सका है। अस्पताल के छज्जे भी गिराऊ हालत में है। जिसके कारण कभी भी फिर से कोई हादसा हो सकता है।
पिछले साल भी शिशु अस्पताल में प्लास्टर गिरने से महिला सहित कुछ लोग घायल हो गए थे। हालांकि अभी जिला अस्पताल में मरमत कार्य चल रहा है। लेकिन संबंधित विभाग द्वारा कार्य की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अस्पताल में बने छज्जों की ढाल भी सही नहीं है। इसके कारण छत का पानी नीचे गिरने की जगह उसका दीवारों में रिसाव हो रहा है।
जिले में 107 चिकित्सा संस्थान ऐसे हैं, जिनको खुद विभाग ने मरमत योग्य माना है। ये चिकित्सा संस्थान बारिश के दौरान स्टाफ और मरीजों के लिए आफत बने हुए हैं। कहीं छत से पानी का रिसाव होने से सीलन हो रही है, तो कहीं चूना झ़ड़ कर गिर रहा है। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार खेरली ब्लॉक में 27, मालाखेड़ा में 8, थानागाजी में 17, रामगढ़ में 27, रैणी में 8, उमरैण में 11, गोविंदगढ़ व लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक में 4-4 चिकित्सा संस्थान मरमत योग्य हैं। उप स्वास्थ्य केन्द्रों की हालत ज्यादा खराब है। अलवर शहर का पहाड़गंज यूपीएचसी भी इसमें शामिल है।
Updated on:
01 Aug 2025 12:10 pm
Published on:
01 Aug 2025 12:06 pm