अजमेर(Ajmer news). आबूरोड तबादला होने से अवसाद में आए रेलवे कर्मचारी ने सोमवार सुबह पड़ोस के निर्माणाधीन मकान में फांसी लगाकर जान दे दी। उसने सुसाइड नोट में तबादले से अवसाद में आना बताया। रामगंज थाना पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर शव का पोस्टमार्टम करा परिजन के सुपुर्द कर दिया।
पुलिस के अनुसार सोमलपुर दीपदर्शन कॉलोनी निवासी रियाजुल हक (58) पुत्र मोहम्मद सिराज सोमवार सुबह पड़ोस के निर्माणाधीन मकान की छत में फंदे पर लटका मिला। मृतक के पुत्र अयाजुल्ला व अमानुल हक पड़ोसियों की मदद से शव को फंदे से उतार कर जवाहरलाल नेहरू अस्पताल पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर रामगंज थाने से हैडकांस्टेबल योगेश कुमार ने मृतक के पास मिला सुसाइड नोट जब्त कर लिया। पुलिस ने संदिग्ध हालात में मृत्यु का प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया है।
जानकारी के अनुसार रियाजुल हक अजमेर मंडल की प्रिंटिंग प्रेस में मुख्य डिपो सामग्री अधीक्षक के पद पर कार्यरत था। गत दिनों आबूरोड तबादला होने के बाद से वह अवसाद में था। जिसके चलते उसने पड़ोस में बन रहे नए मकान की छत से लटक कर जान दे दी। रातभर घर नहीं आने पर परिजनों को सुबह रियाजुल हक फंदे पर लटका मिला।
पुलिस को मिले सुसाइड नोट में रियाजुल हक ने लिखा कि ‘मेरी स्वयं की इच्छा से इस कृत्य को कारित कर रहा हूं। इसमें किसी भी व्यक्ति का कसूर नहीं है। मेरा ट्रांसफर 58 साल की उम्र में अजमेर से आबू रोड कर दिया गया है। इस कारण मैं अत्यधिक मानसिक तनाव में हूं। मुझे 10 दिन से नींद नहीं आ रही है। इस कारण काफी डिप्रेशन में आ गया हूं। मेरी बड़ी मां को चरण वंदन, मेरी मौत का जिम्मेदार मैं स्वयं हूं. . .।’
रेलवे कर्मचारी ने तबादले से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात सुसाइड नोट में लिखी है। सुसाइड नोट को एफएसएल जांच के लिए भेजा जाएगा। संदिग्ध हालात में मृत्यु का मामला दर्जकर अनुसंधान किया जा रहा है।
रवीश सामारिया, थानाप्रभारी रामगंज
Published on:
09 Sept 2025 02:49 am