
एक टांग पर दौड़तीं विदेशी बालाएं (फोटो- पत्रिका)
Pushkar Mela: पुष्कर मेले के दौरान मेला मैदान में लंगडी टांग, सतोलिया और गिल्ली डंडा जैसे परंपरागत खेल प्रतियोगिताएं भी हुईं। इसमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए। इसमें कुल 11 महिलाओं ने भाग लिया। इनमें से आठ विदेशी महिलाएं तथा तीन स्थानीय थीं।
कुछ विदेशी महिलाएं दौड़ते समय संतुलन नहीं बना पाईं और गिर पड़ीं तो कुछ ने अंतिम छोर तक पहुंचने का प्रयास किया। प्रतियोगिता में नागौर की पिंकी प्रथम, पुष्कर की प्रगति द्वितीय तथा यूएसए की बेटसी तीसरे स्थान पर रहीं। सभी को पुरस्कृत किया गया।
परंपरागत खेलों की श्रृंखला में सतोलिया भी विदेशी पर्यटकों के लिए काफी रोचक रहा। कुछ देर तक तो विदेशी खिलाड़ी खेल को समझ ही नहीं सके, बाद में खेलना शुरू किया। इसमें स्थानीय टीम में बाजी मारी। गिल्ली डंडा खेल भी रोचक रहा। इसमें स्थानीय एवं विदेशी खिलाड़ियों ने भाग लिया। दोनों तरफ से आठ-आठ खिलाड़ियों ने गिल्ली डंडा खेला, जिसमें स्थानीय टीम जीत गई।
मेला मैदान में पशुपालकों के बीच 437 पशुओं की खरीद-फरोख्त होने से 11 करोड़ 42 लाख 95 हजार रुपए का कारोबार हुआ है। मैदान से पशुओं की रवानगी शुरू कर दी गई है। पिछले दस दिनों से अटे धोरें अब खाली होने लगे हैं।
संयुक्त निदेशक सुनील घीया के अनुसार, गुरुवार तक पुष्कर मेला मैदान में कुल 6209 पशुओं की आवक हो चुकी है। इनमें सर्वाधिक 4586 अश्व वंश तथा 1571 ऊंट वंश, 24 भैंस तथा 24 गोवंश आए हैं। इनमें राज्य के अंदर से 4851 तथा राज्य के बाहर से 1358 पशुओं की आवक हुई है। सबसे अधिक कीमत का अश्व चार लाख 60 हजार रुपए में और सबसे कम 8000 रुपए में बिका।
मेले के दौरान 2 नवंबर को ‘विकास भी विरासत भी’ विषय पर मल्टीमीडिया प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजना और कार्यक्रमों की जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। विभाग की ओर से विभिन्न गेम जोन बनाए जा रहे हैं। मालाणी कला केंद्र, बाड़मेर के लोक कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी जाएगी।
मेला स्टेडियम में शुक्रवार की रात बालीबुड गायक कुटले खान एंड पार्टी ने राजस्थानी गीतों की बैंड पर यूजन प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। करीब डेढ घंटे तक पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित गीत संगीत के रंगारंग कार्यक्रम में कुटले खान की 20 कलाकारों की टीम ने राजस्थानी गानों के यूजन मिश्रण गाए।
इनमें घूमर के साथ-साथ वारी जाऊं रे बलिहारी जाऊं रे, दमा दम मस्त कलंदर, होलिया में उड़े रे गुलाल, केसरिया बालम, मां तुझे सलाम सहित कई राजस्थानी गानों की बैंड के साथ प्रस्तुतियां दी गई।
Published on:
01 Nov 2025 09:31 am
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