मनीष कुमार सिंह
अजमेर(Ajmer News).बालवाहिनियों में बच्चों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल है। अधिकांश वाहनों में जीपीएस सिस्टम और कैमरे तक नहीं हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। यहीं नहीं बालवाहिनी के चालक का नाम, मोबाइल नम्बर, लाइसेंस, चाइल्ड हेल्पलाइन, परिवहन विभाग व यातायात पुलिस के नम्बर तक नहीं है। सरकारी विभागों के अलावा स्कूल प्रबंधन, अभिभावक की बेखबरी से समस्या और बढ़ गई है।
अजमेर में बालवाहिनियों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है, इससे इन में सफर करने वाले बच्चों की जान जोखिम में है। चुनिंदा विद्यालय में बाल परिवहन समितियों का गठन तो है लेकिन समिति के पदाधिकारियों का बालवाहिनियों में सुरक्षा मानकों को लेकर ध्यान नहीं है, इससे इन वाहनों की नियमित जांच तक नहीं हो पा रही है। बालवाहिनियों में जीपीएस सिस्टम, अग्निशमन की व्यवस्था, फर्स्ट एड किट जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं तक की कमी है। ऐसे में न केवल स्कूल प्रबंधन बल्कि अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है।
सड़क पर दौड़ती अधिकांश बाल वाहिनी में ड्राइवर का नाम, मोबाइल नम्बर, पता, लाइसेंस, वाहन मालिक का नाम व नम्बर, चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर, यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के हेल्पलाइन नम्बर तथा वाहन का पंजीयन लिखा होना चाहिए। लेकिन खानापूर्ति के लिए सिर्फ एकाध नम्बर लिखे होते हैं। हालत यह है कि बाल वाहिनी के नाम पर अनफिट और कंडम वाहन दौड़ रहे हैं।
खास बात यह है कि बड़ी संख्या में निजी स्कूलों में संचालित बालवाहिनियों के फिटनेस तक खत्म हो चुके है। ऐसे में बालवाहिनियां अनफिट तक हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद बच्चों को ढोने का काम कर रहे है।
-स्कूलों में बाल परिवहन समिति का गठन करना अनिवार्य है, जो समय-समय पर वाहनों की जांच कर सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करेगी।
-बालवाहिनियों पर चालक का नाम, मोबाइल नम्बर, पता, लाइसेंस, वाहन मालिक का नाम, चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर, परिवहन व यातायात पुलिस के नम्बर अनिवार्य होने चाहिए।
-बालवाहिनियों में जीपीएस सिस्टम और कैमरे लगाना अनिवार्य होना चाहिए, ताकि वाहनों की निगरानी हो सके।
-बालवाहिनियों में अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि आपातकालीन स्थिति में इसका उपयोग किया जा सके।
-बालवाहिनी में फर्स्ट एड किट अनिवार्य होना चाहिए, ताकि आपातकालीन स्थिति में बच्चों की प्राथमिक उपचार दिया जा सके।
-बालवाहिनियों की नियमित जांच होनी चाहिए, ताकि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके।
समय-समय पर अभियान चलाकर कार्रवाई की जाती है। बालवाहिनी में जीपीएस और स्पीड गर्वनर, चालक का नाम, लाइसेंस, हेल्प लाइन नम्बर लिखना अनिवार्य है। स्कूल प्रबंधन को बालवाहिनी में सुरक्षा मानकों को लेकर कई मर्तबा पाबंद किया जा चुका है। अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
राजीव शर्मा, जिला परिवहन अधिकारी, अजमेर
Published on:
31 Jul 2025 01:36 pm