
Ajmer News: ब्यावर में रासायनिक खेती से जैविक खेती की ओर से किसानों का रूझान बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार की ओर से गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना लागू की गई है। योजना के तहत गौवंशों के गोबर से वर्मी कम्पोस्ट (जैविक खाद) बनाने की यूनिट लगाने पर किसान को अनुदान मिलेगा। प्रत्येक किसान को 10 हजार रुपए अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के तहत ब्यावर जिले के 5 ब्लाकों के 250 किसानों को चयनित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि योजना में प्रदेश के 18 हजार से ज्यादा किसानों को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
योजना के तहत किसान को अपने खेत में वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगानी होगी। इस योजना से किसानों को रासायनिक खेती से बढ़ रहे दुष्प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी। वहीं, जैविक खाद के उपयोग करने से खेतों की मिट्टी ज्यादा उपजाऊ होने के साथ फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकेगी जिससे किसानों के मालामाल होने के आसार बढ़ जाएंगे।
कृषि विस्तार संयुक्त निदेशक आरसी जैन ने बताया कि योजना के तहत राज किसान साथी पोर्टल पर इच्छुक किसान अपना ऑनलाइन आवेदन करना हेागा। पात्र किसान ई-मित्र के जरिए आवेदन कर जैविक खाद यूनिट लगाकर प्रोत्साहन राशि प्राप्त कर सकेंगे। जिले के प्रत्येक ब्लॉक में 50 किसानों का चयन किया जाएगा। इसके हिसाब से ब्यावर के 5 ब्लॉक में 250 किसानों को अनुदान मिलेगा।
राजस्थान सरकार की गोवर्धन जैविक योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देना है। किसानों को गोवंश के गोबर से जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट) उत्पादन के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रत्येक किसान को अपने खेत में 20 फुट लंबी, तीन फुट चौड़ी व ढाई फीट गहरी यूनिट बनानी होगी।
साथ ही प्रत्येक यूनिट के लिए किसान को 8 से 10 किलो केंचुए अपने स्तर पर खरीदकर यूनिट में छोड़ने होंगे। इसके बाद किसान वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग अपने खेत कर सकेंगे। इसके अलावा किसान वर्मी कम्पोस्ट को बेचकर अपनी आय भी बढ़ा सकेंगे।
Updated on:
13 Nov 2024 12:24 pm
Published on:
13 Nov 2024 12:22 pm
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