अजमेर: बड़े पीर की दरगाह-मीठा नीम और तारागढ़ इलाके में अवैध अतिक्रमण पर शनिवार को प्रशासन का पंजा चला। वन विभाग, एडीए, राजस्व विभाग, नगर निगम की टीमों ने 208 अतिक्रमणों को ध्वस्त कर दिया। इनमें दुकानें-झौंपडि़यां शामिल थी। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने दोनों तरफ रास्ते बंद कर दिए। जायरीन और स्थानीय लोगों को कार्रवाई के दौरान प्रवेश नहीं करने दिया।
जिला कलक्टर लोकबंधु और पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा, सीसीएफ ख्याति माथुर की अगुवाई में पुलिस और वन विभाग के अधिकारी, मंडल के रेंजर्स और पुलिसकर्मी सुबह 5.30 बजे तारागढ़-मीठा नीम इलाके में पहुंच गए।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर हिमांशु जांगिड़ के नेतृत्व में टीम मीठा नीम और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण दीपक शर्मा के नेतृत्व में टीम बड़े पीर की दरगाह वाले रास्ते पर पहुंची।
तारागढ़-मीठा नीम और बड़े पीर के रास्ते-तारागढ़ जाने वाली मार्ग पर बनी कच्ची झोपडि़यों-मकानों- दुकानों काे वनकर्मियों और ठेकाकर्मियों ने हथौड़ों, गैंती-फावड़ों, लोहे के रॉड से ध्वस्त किया। कर्मचारियों को हेलमेट और दस्ताने मुहैया कराए गए।
कराई वीडियोग्राफी
जिला कलक्टर के निर्देश पर प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई। उपवन संरक्षक वीरेंद्र सिंह जोरा सहित अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा, टोंक, ब्यावर, किशनगढ़, पुष्कर और अन्य क्षेत्रों से आए रेंजर, वनपाल और अन्य ने ध्वस्त किए अतिक्रमण की मौका रिपोर्ट बनाई।
जिला प्रशासन ने झरनेश्वर महादेव मंदिर के बाद जाप्ता तैनात कर दिया। आमाबाव, जालियान कब्रिस्तान, तारागढ़ जाने वाले पैदल मार्ग पर किसी को फटकने नहीं दिया। इन इलाकों में रहने वाले 4 से 5 हजार लोगों को पाबंद किया गया। विरोध की स्थिति से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों को डंडे, ढाल, हेलमेट लगाकर तैनात किया गया। सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीम भी तैनात रही।
Updated on:
02 Aug 2025 05:04 pm
Published on:
02 Aug 2025 10:23 am