अजमेर(Ajmer News). साइबर थाना पुलिस ने महिला शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट कर साढ़े 12 लाख रुपए से ज्यादा की रकम ट्रांसफर करने के लिए बैंक खाता मुहैया करवाने वाले युवक को जयपुर से गिरफ्तार किया है। पुलिस को आरोपी के खाते से 70 लाख रुपए का लेनदेन का हिसाब मिला है। उससे गहनता से पड़ताल की जा रही है।
एसपी वंदिता राणा ने बताया कि महिला शिक्षिका को मनी लोड्रिंग के केस में जेल भिजवाने के नाम पर 12 लाख 80 हजार 842 की धोखाधड़ी के मामले में साइबर थाना पुलिस कार्रवाई करते हुए बाड़मेर के धोरीमन्ना पुरावा रामपुरा निवासी जुंजाराम उर्फ जीतू जाट(23) को जयपुर से गिरफ्तार किया। जुंजाराम ऑनलाइन ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए साइबर ठग और जालसाजों को बैंक खाते उपलब्ध कराने के साथ ठगी की रकम को अपने बैंक खातों में लेकर उसकी नकद निकासी कर उपलब्ध करवाने का काम करता है। प्रकरण में तीन आरोपी पूर्व में गिरफ्तार किए जा चुके हैं। आरोपी जुंजाराम के बैंक खाते में 70 लाख रुपए का लेनदेन मिला है। पुलिस गहनता से पड़ताल में जुटी है।
पुलिस पड़ताल में जुंजाराम ने बताया कि वह ग्रेज्युएट है। उसने अपना बैंक खाता महज दस हजार रुपए में जालसाज को बेच दिया था। महिला शिक्षिका के साथ हुई ठगी की रकम में से एक लाख रुपए उसके खाते में आए थे। जिसको उसने बैंक चैक के जरिए निकासी करके दिए थे।
पुलिस पड़ताल में आया कि जुंजाराम उर्फ जीतू जाट अपने बैंक खाते व खाते में पंजीकृत सिम को साइबर ठग को उपलब्ध करवाने व धोखाधड़ी की रकम अपने खाते में लेकर नकद निकासी का काम करता है। इसकी एवज में बतौर कमीशन उसको प्रति खाता 10 हजार रुपए कमीशन मिल जाता है।
एसपी ने बताया कि साइबर थाना पुलिस ने साइबर पोर्टल 1930 की शिकायत से संदिग्ध बैंक खाते खाता की पहचान कर खाता धारक का बैंक स्टेटमेंट, एओएफ व केवाईसी की जानकारी हासिल की। आरोपी की जुंजाराम उर्फ जीतू जाट की पहचान के बाद तलाश करते हुए जयपुर से गिरफ्तार किया।यह है मामलामेयो गर्ल्स स्कूल की अंग्रेजी की महिला शिक्षिका गार्गीदास को 25 अगस्त 2024 को जालसाज ने कॉल करके डिजिटल अरेस्ट किया था। पहले कॉलर ने जहां खुदको ट्राई का अधिकारी बताते हुए पीडि़ता का मोबाइल नम्बर बंद करने के धमकी दी। उसके खिलाफ मनी लॉन्डिग का केस दर्ज होने की बात कही। फिर दूसरे नम्बर से आए कॉल पर कॉलर ने स्वयं को मुम्बई में क्राइम ब्रांच का अधिकारी विजय खन्ना बताते हुए कनाडा में दर्ज प्रकरण में आरोपी बताकर वाट्सएप पर कुछ फेंक दस्तावेज भेजे। फिर पूछताछ करने के नाम पर डिजिटल अरेस्ट कर डरा धमका गया। आरोपी ने गार्गीदास और उसके परिवार को तकलीफ में आने व जेल भेजने का डर दिखा 12 लाख 80 हजार 842 रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराए। खास बात रही कि आरोपी ने रकम वापस उसके खाते में आने का झांसा दिया लेकिन जब उसने कॉल किया तो कॉल नहीं उठा। तब पीडि़ता ने साइबर थाने में शिकायत दी। पुलिस ने प्रकरण दर्जकर अनुसंधान शुरू किया।
Published on:
25 Jul 2025 01:51 pm