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ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में निर्बाध लॉजिस्टिक्स प्रबंधन रहा निर्णायक: राजनाथ सिंह

-गति शक्ति विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में वर्चुअली हुए शामिल, लॉजिस्टिक्स श्रृंखला मजबूत रखने वाला राष्ट्र ही सबसे अधिक स्थिर, सुरक्षित और सक्षम

Rajnath Singh

Ahmedabad. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में एजेंसियों के निर्बाध लॉजिस्टिक्स प्रबंधन की निर्णायक भूमिका रही। इन्होंने न सिर्फ सशस्त्र बलों को एकत्र किया बल्कि सही समय और स्थान पर उपकरण पहुंचाने का भी काम किया।

वे रविवार को वडोदरा स्थित गति शक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) के तृतीय दीक्षांत समारोह को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कहा कि आज के युग में युद्ध केवल बंदूकों और गोलियों से नहीं जीते जाते, बल्कि बंदूक और गोलियों को समयबद्ध तरीके से पहुंचाने से जीते जाते हैं। ऑपरेशन सिंदूर उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स प्रबंधन का एक सजीव उदाहरण था। लॉजिस्टिक्स को केवल सामान पहुंचाने की प्रक्रिया के रूप में नहीं बल्कि सामरिक महत्व के रूप में देखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चाहे युद्ध हो, आपदा हो या वैश्विक महामारी, जो राष्ट्र अपनी लॉजिस्टिक्स श्रृंखला को मज़बूत रखता है, वही सबसे स्थिर, सुरक्षित और सक्षम होता है। उन्होंने भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लॉजिस्टिक्स के योगदान को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण बताते हुए कोविड के दौरान इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत के बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व विकास हुआ है।

पीएम गतिशक्ति प्लान नहीं, एक विजन

सिंह ने कहा, पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत, रेलवे, सड़क, बंदरगाह, जलमार्ग, हवाई अड्डे, जन परिवहन और लॉजिस्टिक्स आधारभूत ढांचे जैसे विकास के सात शक्तिशाली स्तंभ मिलकर भारत की अर्थव्यवस्था को एक मज़बूत आधार प्रदान कर रहे हैं। पीएम गतिशक्ति केवल एक योजना नहीं, बल्कि एक विजन है- जो अत्याधुनिक तकनीक और डेटा-आधारित योजना के माध्यम से बुनियादी ढांचे को भविष्योन्मुखी बना रहा है।

राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति पर रक्षा मंत्री ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य एक एकीकृत, कुशल और लागत-प्रभावी लॉजिस्टिक्स नेटवर्क बनाना है। मौजूदा 13-14 प्रतिशत लॉजिस्टिक्स लागत को विकसित देशों के स्तर पर लाना है। इससे घरेलू और वैश्विक बाज़ारों में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।उन्होंने कहा कि गतिशक्ति विश्वविद्यालय (जीएसवी) केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है, बल्कि एक विचार है, एक मिशन है। यह भारत को तीव्र, संगठित और समन्वित तरीके से आगे बढ़ाने की राष्ट्रीय आकांक्षा को मूर्त रूप दे रहा है।

विकसित भारत के लिए स्मार्ट लॉजिस्टिक्स तंत्र की जरूरत

सिंह ने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए, हमें स्मार्ट लॉजिस्टिक्स तंत्र की आवश्यकता है। कोई भी देश तब तक विकसित नहीं हो सकता जब तक देश में वस्तुओं, सेवाओं और लोगों की आवाजाही तेज़ और सुगम न हो।

पुल और सुरंग इंजीनियरिंग में एमटेक कोर्स होंगे शुरू

समारोह की अध्यक्षता करते हुए जीएसवी के कुलाधिपति व रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जीएसवी ने पुल और सुरंग इंजीनियरिंग में एम.टेक पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि पुलों और सुरंगों में उत्कृष्टता केंद्र शुरू करने की भी योजना बनाई जा रही है। जहां विशेषज्ञ उनके डिज़ाइन और रखरखाव के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकें।