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अहमदाबाद में एक वर्ष में 55 हजार से अधिक डॉग बाइट के मामले

शहर में भटकते श्वानों की संख्या दो लाख से अधिक, पिछले सात माह में 43 हजार से अधिक लोगों को श्वानों ने काटा

File photo

अहमदाबाद महानगरपालिका के पशु उपद्रव नियंत्रण (सीएनसीडी) विभागाध्यक्ष नरेश राजपूत ने बताया कि शहर में श्वानों की संख्या पर नियंत्रण पाने के लिए मनपा प्रशासन की ओर से श्वानों की नसबंदी करने का अभियान जारी है। वर्ष 2019 से जुलाई 2025 तक शहर में 1.90 लाख भटकते हुए श्वानों की नसबंदी की गई है। इस पर 14 करोड़ खर्च किए गए हैं। यही कारण है कि वर्तमान में श्वानों के छोटे बच्चे (पिल्ले) दिखाई नहीं देते हैं।

200 श्वानों को रखने का सेंटर हो रहा तैयार

राजपूत ने बताया कि शहर में श्वानों को नसबंदी के लिए पकड़ते हैं, उसे कुछ दिनों बाद उसी स्थल पर छोड़ दिया जाता है, जहां से उसे पकड़ते हैं। बीमार श्वान का उपचार केंद्र भी मनपा चलाती है, जिसमें 100 श्वानों को रखने की क्षमता है। 200 श्वानों को रखने की क्षमता वाला नया सेंटर भी तैयार किया जा रहा है।

श्वानों को रखने के लिए बाड़ा बनाने पर विचार

राजपूत ने बताया कि सुप्रीमकोर्ट के निर्देश को मद्देनजर रखते हुए अहमदाबाद महानगर पालिका शहर में सड़कों और सार्वजनिक जगहों पर घूमने वाले मवेशियों को पकड़ने के बाद जिस प्रकार उन्हें पशुवाड़े में रखती है। उसी प्रकार श्वानों को रखने के लिए भी बाड़ा बनाने पर विचार किया जा रहा है। वर्ष 2023 से शुरू किए आवारा पशुओं को पकड़ने के अभियान के तहत 24000 मवेशियों को पकड़ा है। दाणीलीमडा और बाकरोल में बनाए करुणा मंदिर में रखा है।

श्वानों को रखने में दिक्कत

राजपूत ने बताया कि सेंटरों में श्वानों को रखने में दिक्कत हो सकती है, क्योंकि श्वान की प्रकृति अलग होती है। वे एक-दूसरे पर हमला कर सकते हैं। ऐसे में हर श्वान को अलग पिंजरे में रखना होगा। इसमें ज्यादा जगह की जरूरत होगी। खर्च भी बढ़ेगा।

अहमदाबाद के 33 सेंटरों पर रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध

शहर में डॉग बाइट के चलते रेबीज की आशंका होती है। इससे बचाव के लिए शहर के 33 सेंटरों पर रेबीज के इंजेक्शन निशुल्क लगाए जाते हैं। जनवरी-जुलाई तक सात माह में शहर में 43 हजार से अधिक लोगों रेबीज से बचाव के इंजेक्शन लगाए। इस पर चार करोड़ खर्च किए। निजी अस्पताल में यह इंजेक्शन ढाई हजार रुपए में लगता है।

सिविल अस्पताल में 3 माह में 3000 को लगाया इंजेक्शन

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि अस्पताल में रेबीज के इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में हैं। सभी को इंजेक्शन मुफ्त में मिलता है। बीते तीन माह में ही 3014 इंजेक्शन दिए हैं। मई माह में 1092 इंजेक्शन, जून में 889 इंजेक्शन तथा जुलाई माह में 1033 मरीजों को इंजेक्शन लगाए।

आवारा श्वानों से जुड़े आंकड़े-

-शहर में आवारा श्वानों की संख्या- 2.10 लाख

-एक वर्ष में औसतन डॉग बाइट-55 हजार

-रेबीज इंजेक्शन सेंटर-33

-श्वानों की नसबंदी -बीते पांच साल में 1.90 लाख