Ahmedabad. गुजरात राज्य की शासन व्यवस्था में स्मार्ट डिसीजन, जनहित योजनाओं, सेवा वितरण प्रणाली, कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ज्यादा तेज और प्रभावी तरीके लोगों तक पहुंचाने के लिए अब राज्य सरकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एक्शन प्लान फॉर इम्प्लिमेंटेशन ऑफ आर्टिफिशियल (एआई) 2025-2030 को मंजूरी दे दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एआई के व्यापक उपयोग से डिजिटल एम्पावरमेंट तथा टेक्नोलॉजिकल सेक्टर में भारत को विश्व का नेतृत्व करने के लिए सुसज्ज बनाने की प्रतिबद्धता के मद्देनजर गुजरात ने यह एक्शन प्लान घोषित किया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमनाथ में नवंबर 2024 में हुई राज्य सरकार की वार्षिक चिंतन शिविर में सरकार के सभी विभागों में एआई के इस्तेमाल की घोषणा की थी। इस दृष्टिकोण के अनुरूप गवर्नेंस, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, कृषि, फिनटेक तथा अन्य मिशन-क्रिटिकल क्षेत्रों में एआई को राज्यव्यापी बनाने के लिए 10 सदस्यों की एक विशेषज्ञ एआई टास्कफोर्स समिति गठित की थी। इस टास्कफोर्स की सिफारिशों के आधार पर मुख्यमंत्री के समक्ष पेश किए गए एक्शन प्लान फॉर इम्प्लिमेंटेशन ऑफ एआई 2025-2030 को उन्होंने मंजूरी दे दी है।
एक्शन प्लान के सुव्यवस्थित तथा समय पर क्रियान्वयन के लिए राज्य द्वारा एक समर्पित एआई तथा डीप टेक मिशन की स्थापना की जाएगी। यह मिशन राज्य सरकार में एआई स्ट्रैटेजिस तथा उभरती टेक्नोलॉजी के लिए डिजाइन, क्रियान्वयन एवं इनोवेशन में नेतृत्वकर्ता के रूप में एक विशिष्ट संस्थागत पद्धति के रूप में कार्य करेगा। इसके अलावा, यह मिशन स्टार्टअप्स, शैक्षणिक शोध-अनुसंधान तथा उद्योगों को सहयोग से सुदृढ़ इकोसिस्टम को बल देगा। इस क्षेत्र में वर्कफोर्स की स्किलिंग, री-स्किलिंग तथा अपस्किलिंग पर फोकस करेगा। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इस एक्शन प्लान का रोडमैप छह पिलर्स पर ध्यान रखते हुए तैयार किया है।
एक्शन प्लान का चरणबद्ध क्रियान्वयन राज्य स्तरीय एआई डेटा रिपॉजिटरी शुरू करने, एआई फैक्ट्रियां स्थापित करने से होगा। इसके अलावा विभागवार पायलट प्रोजेक्ट्स के जरिए होगा।
एक्शन प्लान की पांच वर्ष की समयावधि के दौरान ये प्रयास विभागों में एआई इंटीग्रेशन को सुदृढ़ करेंगे। इनोवेटिव इकोसिस्टम को प्रोत्साहन देंगे। इस एक्शन प्लान के छह प्रमुख स्तंभ हैं, जिनमें डेटा, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर ,कैपिसिटी बिल्डिंग, आर एंड डी तथा यूज, स्टार्टअप सुविधा, सुरक्षित व विश्वसनीय एआई शामिल हैं।
डेटा- एआई विकास के लिए एक सुरक्षित, इंटरऑपरेबल तथा नियमनकारी-अनुरूप डेटा इकोसिस्टम स्थापित करना। व्यापक एआई डेटा गवर्नेंस ढांचे का निर्माण कर नियमनकारी मानदंडों के साथ समरूपता सुनिश्चित की जाएगी।
डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर –टियर-2, टियर-3 शहरों में एआई फैक्ट्रियों के साथ जीपीयू एवं क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार तथा एआईआरएडब्लूएटी जैसे राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म का एक्सेस दिया जाएगा।
कैपिसिटी बिल्डिंग-विद्यार्थियों, एमएसएमई तथा सरकारी अधिकारियों सहित 2.5 लाख से अधिक व्यक्तियों को एआई, एमएल तथा सम्बद्ध डोमेंस में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आर एंड डी तथा यूज-सम्बद्ध विभागों के अनुरूप विशिष्ट एआई सॉल्यूशन्स व एप्लिकेशन विकसित करने के लिए शिक्षा एवं उद्योग के बीच सहयोग को सक्षम बनाया जाएगा।
स्टार्टअप सुविधा-इनक्यूबेशन, मार्गदर्शन, इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रेडिट्स तथा सीड फंडिंग से डीप टेक स्टार्टअप को सपोर्ट दिया जाएगा।
सुरक्षित व विश्वसनीय एआई -ऑडिट, गाइडलाइंस तथा एआई रिस्क प्रोटोकॉल द्वारा सुरक्षित एआई रणनीति सुनिश्चित होगी।
Published on:
27 Jul 2025 10:45 pm