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Gujarat: चार महीने तक डिजिटल अरेस्ट रख शिकायतकर्ता से 19 करोड़ ठगे

-गुजरात स्टेट साइबर क्राइम सेल ने राज्य की सबसे बड़ी साइबर ठगी में लिप्त आरोपी को पकड़ा

digital arrest fraud

Ahmedabad. गुजरात में डिजिटल अरेस्ट करके ठगी करने का अब तक का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। शातिर आरोपियों ने शिकायतकर्ता को एक दो दिन नहीं बल्कि पूरे चार महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखते हुए डरा धमकाकर 19 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि ऑनलाइन ठग ली।पीडि़त व्यक्ति के साइबर क्राइम सेल में शिकायत करने पर सेल की टीम ने कार्रवाई करते हुए चंद दिनों में ही इस गिरोह से जुड़े एक आरोपी को सूरत से धर दबोचा है। आरोपी का नाम लालजी बलदाणिया (30) है। ये सूरत के वलथाण क्षेत्र में सर्जन रो हाऊस का रहने वाला है। इसे सूरत से गिरफ्तार किया है।

गुजरात स्टेट साइबर क्राइम सेल के पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र शर्मा के अनुसार ठगे गए 19 करोड़ 24 लाख रुपए में से पकड़े गए आरोपी लालजी के बैंक खाते में एक करोड़ रुपए जमा हुए थे। इसने मुरलीधर मैन्युफेक्चरिंग के नाम से एक बैंक में अकाउंट खुलवाया है। आरोपी ने कबूला कि उसने कमीशन लेकर बैंक अकाउंट में राशि जमा कराई थी। शातिर साइबर ठगों ने राशि जमा होने तक लालजी को उत्तरप्रदेश के नोएडा में स्थित एक होटल में ठहराया था।

मनी लॉन्डरिंग केस में लिप्तता बता कर ईडी के नाम से डराया

साइबर ठगों ने 15 मार्च से 16 जुलाई के दौरान शिकायतकर्ता को चार महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा। 15 मार्च की दोपहर 3.30 बजे शिकायतकर्ता को ठग ने टेलिकम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से ज्योति विश्वनाथ बनकर फोन किया। उनसे कहा कि आपके मोबाइल नंबर से अपमानजनक एसएमएस पब्लिक में बार-बार पोस्ट हो रहे हैं। एफआईआर करनी पड़ेगी। ऐसा कहकर डराया और आधार कार्ड नंबर ले लिया। उसके बाद कहा कि तुम्हारे आधारकार्ड का नंबर व नाम मनी लॉन्डरिंग के केस में जुड़ा है। ऐसा कह कर पीएमएलए और फेमा की धाराओं वाला एक फर्जी लेटर शिकायतकर्ता को भेज कर ईडी के नाम से डराया। फर्जी आरोप लगाकर वॉट्सएप कॉल के जरिए लगातार संपर्क में रखा। किसी को कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया। गिरफ्तार करने की धमकी दी।

एफडी तुड़ाई, सोना, मकान बेचने को किया मजबूर

शातिर गिरोह के सदस्यों ने पीएसआई मोहन सिंह, पब्लिक प्रोसिक्यूटर दीपक सैनी, वेंकटेश्वर और नोटरी ऑफिसर पवन कुमार बनकर अलग-अलग नंबर से संपर्क किया। फर्जी लेटर भेजकर डराते हुए शिकायतकर्ता को उसकी बैंक की एफडी तोड़ने, घर का सोना बेचने को मजबूर किया। लॉकर में रखे सोने पर लोन करवाई और मकान व शेयर बेचने को मजबूर करते हुए उससे जुटाए 19.24 करोड़ अलग-अलग तारीख में ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए। जांच पूरी होने पर यह राशि वापस मिल जाएगी, ऐसा भरोसा दिया। सादा वर्दी में लोग नजर रख रहे हैं, कहकर शिकायतकर्ता को डराया।