Ahmedabad. गुजरात विश्वविद्यालय (जीयू) की एक्जीक्यूटिव काउंसिल (सिंडीकेट) में सरकार की ओर से नियुक्त सदस्य श्वेतल सुतरिया पर जीयू स्थित ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट सेंटर (एचआरडीसी) के निदेशक प्रो.जगदीश जोशी से पैसों की मांग करने का आरोप लगा है। निदेशक की ओर से इसकी शिकायत कार्यकारी कुलसचिव और कुलपति को की गई। इसका पता चलने पर मंगलवार को छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने जीयू में कुलपति कार्यालय के बाहर हल्लाबोल किया। सरकार नियुक्त सिंडीकेट सदस्य श्वेतल सुतरिया का तत्काल इस्तीफा लेने, एफआईआर दर्ज करने और मामले की जांच कराने की मांग की। नकली नोट उड़ाकर विरोध दर्ज कराया। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह सोलंकी ने आरोप लगाया कि जीयू में सरकार नियुक्त सिंडीकेट सदस्य एवं एबीवीपी गुजरात के कोषाध्यक्ष श्वेतल सुतरिया ने एचआरडीसी निदेशक से यूजीसी से मिली ग्रांट में से 75 लाख रुपए की मांग की है। इसके विरोध में जीयू में प्रदर्शन किया। हमारी मांग है कि सुतरिया के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए। उसने इस्तीफा भी दे दिया है, क्योंकि उसने पैसों की मांग की थी।
एचआरडीसी के निदेशक प्रो.जगदीश जोशी से पूछने पर उन्होंने इस मामले में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में फिलहाल कुछ नहीं बोलना चाहते।
सरकार की ओर से नियुक्त सिंडीकेट केे सदस्य श्वेतल सुतरिया पर एचआरडीसी निदेशक से पैसों की मांग करने और पैसे नहीें देने पर परेशान करने की धमकी देने के लगे आरोप के मामले के तूल पकड़ने पर मंगलवार शाम को सिंडीकेट की तत्काल ऑनलाइन बैठक बुलाई गई। कुलपति प्रो.नीरजा गुप्ता ने जर्मनी से इस सिंडीकेट की बैठक में ऑनलाइन जुड़ते हुए मामले पर चर्चा की। कुलपति कार्यालय की ओर से आधिकारिक रूप से दी गई जानकारी में बताया कि सिंडीकेट की ऑनलाइन बैठक में सिंडीकेट सदस्य श्वेतल सुतरिया की ओर से दिए गए इस्तीफे को सर्वसहमति से स्वीकार कर लिया गया। इस इस्तीफे को स्वीकारने के लिए राज्य सरकार में सिफारिश की है। 15 सदस्यीय सिंडीकेट में 11 सदस्य उपस्थित रहे।
सिंडीकेट सदस्य श्वेतल सुतरिया ने एचआरडीसी के बीते 10 सालों की वित्तीय, शैक्षणिक, प्रशासनिक कार्य की विस्तृत जांच का हवाला देते हुए जरूरी दस्तावेज की कुलसचिव से मांग की थी। इसमें सेंटर को प्राप्त हुई ग्रांट, उसके स्त्रोत, वित्तीय कोर्स की फीस से हुई आय का वर्षवार ब्यौरा भी मांगा था। ऑडिट के दस्तावेज, बैंक स्टेटमेंट मांगे थे। रिफ्रेसर, ओरिएंटेशन कोर्स का खर्च, फीस, पंजीकृत सदस्य, रिसोर्स पर्सन की सूची, मंजूरी पत्र का ब्यौरा मांगा था। नियुक्त अस्थाई, ठेका आधारित कर्मचारी, उसके वेतन, भत्ते का ब्यौरा मांगा था।
Published on:
05 Aug 2025 10:12 pm