अहमदाबाद शहर के सिविल अस्पताल में गुरुवार को मध्यप्रदेश के गुलसिंह दावर दुनिया छोड़ने से पहले चार लोगों को नया जीवन दे गए। उन्हें गहन उपचार के लिए यहां लाया गया था, स्थिति में सुधार नहीं होने पर चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया। अस्पताल में पिछले चार वर्षों में 205 ब्रेनडेड मरीजों के अंग स्वीकार किए गए हैं।सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि मध्यप्रदेश के इंदौर के निकट स्थित कांटीधार निवासी गुलसिंह दावर पिछले दिनों इंदौर में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सिर में गहरी चोट लगने पर उन्हें पहले महू जिले के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया, जहां से राजगढ़ के निजी अस्पताल और उसके बाद गत सोमवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल में लाया गया था। अस्पताल में लगभग 48 घंटे तक गहन उपचार के बावजूद उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो विशेष जांच की गई। जिसके परिणाम के आधार पर गुलसिंह को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। अस्पताल की टीम ने ब्रेनडेड की सूचना और इस स्थिति के बारे में मरीज के परिजनों को अवगत कराया। साथ ही अंगदान की भी सलाह दी। परोपकार की भावना को ध्यान में रखकर मरीज के परिजनों ने अंगदान का निर्णय किया। इसके बाद इन अंगों से ऐसे चार लोगों को नया जीवन मिला जो मृत्यु के काफी नजदीक पहुंच गए थे।
दान में मिले चार अंगों का सिविल मेडिसिटी के ही अस्पतालों में जरूरतमंदों में प्रत्यारोपण किया गया। इन चारों में से लिवर और दो किडनी का प्रत्यारोपण इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजिज एंड रिसर्च सेंटर (आईकेडीआरसी) में किया गया। जबकि हृदय का प्रत्यारोपण यूएन मेहता इंस्टीट्यूट में भर्ती मरीज में किया गया।
डॉ. जोशी के अनुसार अस्पताल में पिछले चार वर्षों में 205 ब्रेनडेड मरीजों के 674 अंग दान में मिले हैं। इनके माध्यम से 655 लोगों को बचाने में सफलता मिली है। दान में मिले अंगों में से सबसे अधिक 374 किडनी मिली हैं। जबकि 180 लिवर, 66 हृदय, 14 पेंक्रियाज, 32 फेफड़े, छह हाथ, दो छोटी आंत और 142 आंख भी दान में मिली हैं। इनके अलावा 22 त्वचा भी स्किन बैंक में ली गईं।
Published on:
14 Aug 2025 10:39 pm