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Ahmedabad: देश-दुनिया में ब्रेन स्ट्रोक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में युवा वर्ग की संख्या लगातार बढ़ रही है। हाल में जो मामले सामने आ रहे हैं उनमें से 40 फीसदी की आयु 50 वर्ष से कम है, यह चिंता का विषय है।
नेशनल सेंटर फॉर डिसिज इंफोर्मेटिक्स एंड रिसर्च (एनसीडीआइआर) के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर साल 16 लाख से ज्यादा नए स्ट्रोक के मामले सामने आते हैं। एक जमाने में बुजुर्गों को होने वाली यह बीमारी अब युवा वर्ग को तेजी से चपेट में ले रही है। इसका मुख्य कारण जीवनशैली से जुड़े कारक हैं। गतिहीन जीवनशैली, हाइ कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, हाई ब्nड प्रेशर और तनाव इसके मुख्य कारण हैं। खान-पान में बदलाव, शारीरिक गतिविधि की कमी, धूम्रपान और शराब का सेवन स्ट्रोक के जोखिम को और बढ़ा देता है।विशेषज्ञों का मानना है कि स्ट्रोक एक जीवनशैली से जुड़ी बीमारी के रूप में उभर रहा है और जोखिम कारकों और लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, समय रहते इलाज के लिए जरूरी है। चिकित्सकों के मुताबिक कि यदि स्ट्रोक के लक्षणों को पहचान कर तुरंत उपचार लेने की जरूरत है। इसके प्राथमिक लक्षण अचानक संतुलन खोना, दृष्टि का धुंधला हो जाना, चेहरे का एक तरफ झुकना, एक कंधे का सुन्न होना या कमजोर होना तथा बोलने में कठिनाई हो हैं। इनमें से कोई एक लक्षण होने पर भी चिकित्सक का संपर्क किया जाना चाहिए।
अहमदाबाद के अपोलो अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. देवाशीष व्यास का कहना है कि स्ट्रोक का इलाज संभव है और स्ट्रोक के तुरंत बाद उपचार मिलता है तो रिकवरी भी बहुत तेजी से हो सकती है। स्ट्रोक किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। स्ट्रोक के लिए उस अस्पताल में जाने की सलाह दी जो स्ट्रोक के उपचार ेके लिए तैयार है। उन्होंने गोल्डन ऑवर के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक के बाद के पहले 60 मिनट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस समय अंतराल में उपचार मिलने पर दिमाग में होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है। डॉ. सुचेता मुदगेरिकर ने कहा कि समय बदल गया है। अब ब्रेन स्ट्रोक के काफी प्रभावी उपचार मौजूद हैं। अब स्ट्रोक का मरीज न सिर्फ ठीक हो जाता है बल्कि वह दैनिक गतिविधियों में भी लौट आता है।
अहमदाबाद. गुजरात में स्ट्रोक के मरीजों में लगातार वृद्धि हुई है। इस वर्ष के सात माह में ही प्रदेशभर में 12784 स्ट्रोक के मरीज सामने आए हैं। अहमदाबाद में इस अवधि के दौरान 2724 मामले दर्ज हुए हैं। गुजरात इमरजेंसी 108 एम्बुलेंस के आंकड़ों के अनुसार राज्य में प्रदेश भर में पिछले तीन वर्षों में ब्रेन स्ट्रोक संबंधी इमरजेंसी के तहत वर्ष 2023 से 30 सितंबर 2025 तक 34955 मरीजों को 108 एम्बुलेंस के माध्यम से संबंधित अस्पतालों तक ले जाया गया। इनमें वर्ष 2023 में 12073 मरीज दर्ज हुए थे। जबकि वर्ष 2024 में 12784 और इस वर्ष एक जनवरी से 30 सितंबर तक 10098 मरीज दर्ज किए गए।
Published on:
28 Oct 2025 10:31 pm
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