Mission Gaganyaan: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) में गगनयान मिशन के लिए पहला सफल एकीकृत एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-01) कर महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।
इसमें इस्तेमाल किए गए पैराशूट आगरा स्थित DRDO प्रयोगशाला, एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADRDE) द्वारा विकसित किए गए। रविवार को पैराशूट आधारित डीसेलेरेशन सिस्टम का प्रदर्शन इसरो ने किया। परीक्षण के दौरान चिनूक हेलीकॉप्टर से 30 किलोमीटर दूर 3 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक 4.8 टन का डमी क्रू मॉड्यूल हवाई मार्ग से गिराया गया।
इसरो के अनुसार इस प्रणाली में 4 तरीके के पैराशूट शामिल हैं। इसमें 2 एपेक्स कवर सेपरेशन (ACS) पैराशूट (2.5 मीटर प्रत्येक), 2 ड्रोग पैराशूट (5.8 मीटर प्रत्येक), 3 पायलट पैराशूट (3.4 मीटर प्रत्येक) और 3 मुख्य पैराशूट (25 मीटर प्रत्येक) शामिल हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसरो के ऑफिशियल अकाउंट से पोस्ट किया गया,'' इसरो ने गगनयान मिशन के लिए पैराशूट आधारित डीसेलेशन सिस्टम के संपूर्ण प्रदर्शन के लिए पहला पहला एकीकृत वायु ड्रॉप परीक्षण (IADT-01) सफलतापूर्वक पूरा किया। यह परीक्षण इसरो, भारतीय वायु सेना, DRDO, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल का संयुक्त प्रयास था।''
बता दें कि देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान गगनयान मिशन है। 4 अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सैर इस मिशन के तहत कराई जाएगी। इसी साल यान को लॉन्च करने की योजना है। मिशन के तहत पहले मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी। परीक्षण के दौरान इसमें व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा। 3 दिन का गगनयान मिशन है। 400 किलोमीटर की पृथ्वी की निचली कक्षा पर मिशन के लिए मानव को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। साथ ही उसे वापस सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा।
IADT-01 को इस बात की पुष्टि करने के लिए डिजाइन किया गया है कि पैराशूट तकनीक मजबूती से काम करती है। ADRDE के जनसंपर्क अधिकारी गयासुद्दीन कुरैशी ने कहा, "IADT-01 परीक्षण के सफल समापन के बाद अतिरिक्त परीक्षण वाहन उड़ानें भरी जाएंगी।"
Published on:
26 Aug 2025 12:51 pm